Thursday, June 26, 2008

3 Nice Shayri's

तेरी तस्वीर मेरी आँखों मैं बसी क्यूँ है
जिधर देखो बस उधर तू ही क्यूँ है

तेरी यदून से वाबस्ता मेरी तकदीर है लेकिन
तुझे ना पा केर मेरी तकदीर रूठी क्यूँ है

मुझ को है खबर आसान नहीं तुझे हासिल करना
फिर भी यह इन्तिज़ार यह बेकरारी क्यूँ है

बरसों गुज़र गए मेरे तन्हाई मैं लेकिन
मेरी बांहों को आज भी तेरा इन्तिज़ार क्यूँ है

तेरी चाहत की कसम खून के आँसू रोया हों
अब नहीं है कुछ बाकी फिर यह जान बाकी क्यूँ है

ख़तम हुवा मेरा यह अफसाना एक बात बतादू लेकिन
अंजाम था मलूओम मुझ को फिर यह मुहब्बत क्यूँ है
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मेरे दोस्त जिंदगी भर मुझे यूँ ही प्यार करना,
मैं तुझे दघ न दूँगा मेरा ऐतबार करना.

अभी मेरा किस्मतों का है सितारा गर्धिशों में,
मेरे दोस्त कुछ दिंनों तक मेरा इन्तिज़ार करना.

अब तोर्ड दो यह शीशे मेरे काम के नहीं हैं,
मेरे पास जब नहीं तुम भला क्या श्रृंगार करना.

येही आरजू है अब थो मेरे बाद जिंदगी में,
के तू फिर कभी किस्सी से न निगाह चार करना.

चलो यह भे मन लिया के दिल मेरा हाय संगदिल
लकिन एअक सच येः भे जन लू के माय दिल का बुरा नही
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सब सी छुपा कर दर्द जो वोह मुस्कुरा दिया
उस की हँसी न्य तो आज मुझी रुला दिया

लह्ज्य सी उठ रहा था हर इक दर्द का दुह्वान
चेहरा बता रहा था की कुछ गँवा दिया

आवाज़ में थेरो था आन्खून में नमी थी
और कह रहा था क में न्य सब कुछ भुला दिया

जानी किया उस को लोघों सी थी शिकयातीं
तनहयों की दिस में ख़ुद को बसा दिया

ख़ुद भी वोह हम सी बिचार कर अधुरा सा हो गया
मुझ को भी इतनी लोघों में तनहा बना दिया


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