Monday, June 30, 2008

आप सब के लिए

आप की याद दिल ब्क़रार करती है, नज़र तलाश आप को बार बार करती है ,
गिला नही जो हम है दूर आपसे , आपकी तो जुदाई भी हमसे प्यार करती है ।

क्यूँ सताते हो हमें बेगानों की तरह , कभी तो चाहो चाहने वालो की तरह,
हम मे थी कमी जो आप को याद ना आए, आप मे थी कुछ बात जो हम आपको भूल ना पाये ।

कैसे करे अपने इश्क्को बयान , कोई करता ही नही ऐतबार,
है हमें जिनसे मोहब्बत, उनको ही नही हमसे प्यार ।

तेरी मुस्कान हमारी कमजोरी है , तुझे ना पाना हमारी मजबूरी है ,
तुम क्यूँ नही समझते हमारी खामोशी को , क्या हमारे प्यार को , कोई नाम देना जरुरी है ?

एक दिन जिंदगी ऐसे मुकाम पे पहुँच जायेगी, दोस्ती तो सिर्फ़ यादों में रह जायेगी ,
हर cup coffee याद दोस्तों की दिलाएगी, और हस्ते हस्ते फ़िर आँखें नम हो जायेगी ,
जी ले खुल के इस पल को मेरे दोस्त, क्यूँ की जिंदगी ये पालो को फ़िर से नही दोहराएगी ।

कभी दोस्त कहते ओ, कभी दुआ देते हो, कभी बेवक्त नींद से जगा देते हो ,
पर जब भी तुम कुछ कहते हो , खुदा कसम जिंदगी के सारे गम भुला देते हो ।

No comments: