Sunday, July 6, 2008

पढो पढो और पढ़ते रहिये

मेरी पलकों पर सजा हर सपना तेरे नाम , तेरे बगैर बिताया हर पल तेरे नाम,
आसमान की महफिल का हर तारा तेरे नाम , अब लिखती है कलम सिर्फ़ तेरे लिए,
मेरे दिल का हर एहसास तेरे नाम ,
हम पीने के सौकीन नही, अब लबो कु चुने वाला हर जाम तेरे नाम ,
हम फ़िदा है कुछ इस तरह तुझ पर, मेरी कहानी का हर लफ्ज़ तेरे नाम ।

टूट गया दिल प् अरमान वोही है , दूर रहते हैं फिर भी प्यार वोही है , जानते हैं की मिल
नही पाएंगे, फिर भी एक आंखों में इन्तेज़ार वोही है ।


प्यार तो हुमकओ भी करना था, लेकिन बात ख़ास हुयी नही, ताज महल तोह हमको भी बनवाना था,
लेकिन अफ़सोस की loan paas हुई नही

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