Saturday, May 31, 2008

शायरी का खजाना

ख़याल जब उन्हें मेरा आया होगा, मेरी याद ने उनको सताया होगा, भूल न पाये जिन्हें हम आज तक, कैसे उन्होंने हमें भूलाया होगा ।

बदली नही दुनिया इंसान बदल गया , मौका मिला तोह मौलाना भी खुदा बन गया ।

आंसुओं को बोहत समझाया , तन्हाई मे आया करो महफिल मे आकर हमारा मजाक ना उडाया करो ,
इस पर आंसू तड़प कर बोला इतने लोगों मे आपको तनहा पाते है इस लिए चले आते हे ।

पलक को झुका कर सलाम करते है , इस दिल की दुआ आपके नाम करते है , कबूल हो तो मुस्करा देना, आपकी एक मुस्कराहट पर ये जान कुर्बान करते है ।

वो न आए उनकी याद आकर वफ़ा कर गई , उनसे मिलने की तमन्ना सुकून तबाह कर गई , आहट हुई सोचा असर दुआ कर गई , दरवाज़ा खुला तो देखा मजाक हमसे हवा कर गई ।

ढलती शाम के हसीं एहसास है , मेरे दिल मे आप की जगह कुछ खाश है, आप नही है यहाँ मालूम है मुझे, पर दिल ये कहता है , के आप यहीं आस पास है ।

नज़रे मिला कर नज़रे चुरा ना लेना, दोस्त बन कर हमें दुश्मन बना ना लेना, मन की हमसे कभी गलतिया हो जाती है, इस का बहाना बना कर हमें भुला ना देना ।

वह नज़र कहा से लाऊं जो तुझे भुला दे, वो दावा कहाँ से लाऊं जो दर्द मिटा दे, मिलना तो लिखा होता है, तकदीरों में पर वो तकदीर कहाँ से लाऊं जो तुझे मिलादे ।

कहीं न कहीं बातों की अदा है दोस्ती, हर गम की सिर्फ़ एक दावा है दोस्ती , सिर्फ़ कमी है महसूस करने वालो की, महसूस करो तो ज़मीन पे ज़न्नत है दोस्ती ।

याद करते है उम्हे तन्हाई मे , दिल डूबा है ग़मों की गहराई मे , हमें मत ढूंढो दुनिया की भीड़ मे , हम मिलेंगे तुम्हे तुम्हारी परछाई मे ।

दूर है आप तो कुछ घाम नही , दूर रह कर भी भूलने वाले हम नही , मुलाकात हो ना हो तोह क्या हुआ , आप की याद मुलाकात से कम नही ।

रात गई तारे चले गए, गैरों से क्या गिला जब हमारे चले गए, हम जीत सकते थीThe कई बाजिया , बाद उन्हें पाने के लिए हम हारते गए ।

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