मिटटी है तो पलभर मे बिखर जायेंगे हम लोग , खुशबू है तो हर दौर को मएह्कायेंगे हम लोग ,
हम रूहे सफर है हमें नामों से ना पहचान , कल और किसी नाम से आ जायेंगे हम लोग ।
हम उठके चले तेरी महफिल से , पीछे से तुने पुकारा नही, फ़िर ख़ुद ही रुक गए कदम , क्यूंकि तेरे बिन मेरा गुजरा नही ।
दर्द मे कोई मौसम प्यारा नही होता। दिल हो प्यासा तो पानी से गुजरा नही होता, कोई देखे तो हमारी बेबसी , हम सभी के हो जाते है कोई हमारा नही होता ।
जमीन पर फूल गिरने से खुशबू कम नही होती , आप से दूर रहने से मोहब्बत कम नही होती !!!
जैसे जैसे वक्त का काफिला गुजरता गया तेरे मेरे दरमियाँ फासला बढ़ता गया, सोचा था की होगा
कभी सपने से सुंदर आशियाना अपना मंजिल वही रही पर शायद दूर हो गया कोई अपना ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment