Tuesday, October 21, 2008

बोहत दिनों के बाद

न कश्ती न किनारा है कोई, न मंजिल न जीना का सहारा है कोई,
न आंसू न खुशी का इशारा है कोई, पर आप हैं तो लगता है की दोस्त हमारा है कोई

दुआ है कामयाबी के हर सिखर पेआप का नाम होगा, आपके हर कदम पर
दुनिया का सलाम होगा, हिम्मत से मुश्किलों का सामना करना, हमारी दुआ है,
की वक्त भी एक दिन आपका घुलाम होगा

बदलना आता नही, हमको मौसम की तरह, हर एक रूप मे तेरा इंतज़ार करते है,
न तुम समेट सकोगे जिसे क़यामत तक, कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते है

जब दिलकश रातों में रातो में तारे टीम तिमाते है, जब शीतल चाँद सी नदिया
झिलमिलाती है , मुझे तब रह रह कर तेरी याद आती है

खूबियाँ इतनी तो नही की हम तुम्हे कभी याद आयेंगे, पर इतना भी ऐतबार है हमें
ख़ुद पर की आप कभी हमें भुला ना पाएंगे

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