Thursday, October 9, 2008

आप के लिए और शायरी

चंद लम्हों की जिंदगानी है, नफरतों से जिया नही करते,
लगता है दुश्मनों से ही गुजारिश करनी पड़ेगी
दोस्त तो अब याद किया नही करते

ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का, हमने ख़ुद को kहुश नसीब पाया
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की, खुदा ख़ुद दोस्त बनकर चला आया

कुछ नशा तो आपकी बात का है, कुछ नशा तो धीमी बरसात का है,
हम तो कब के मर चुके होते, हमें तो इंतज़ार सिर्फ़ आपकी एक मुलाकात का है

अपने कामों की यूँ नुमाइश न कर, अपने नसीब की यूँ आज़माइश न कर,
जो तेरा है तेरे दर पे ख़ुद आएगा , रोज़ रोज़ उसे पाने की कोशिश ना कर

जब दिल उदास हो हमसे बात कर लेना, जब दिल चाहे मुलाकात कर लेना
रहते है आपके दिल के किसी कोने में , वक्त मिले तोह तलाश कर लेना

मालिक ने हर इंसान को इंसान बनाया, हमने हिंदू या मुस्लमान बनाया,
कुदरत ने दी हमें एक धरती , हमने कही हिन्दुस्तान कहीं पाकिस्तान बनाया

जुदाई हर पल महसूस न होती काश, वोह इतना मजबूर न होता
वक्त बना देता है सबकी बेवफा, वरना मोहब्बत इतनी मशहूर ना होती

दिल को दिल से चुराया है आपने, दूर होते हुवे भी अपना बनाया है आपने,
कभी भूल नही पाएंगे आप को, क्यूँ की प्यार करना सिखाया है आपने

तुम मुझे भूल न पाओगी, इस कदर हम तुम्हें याद आयेंगे, यकीं ना आए तो
आईने मे देखना, तेरी aआँखों में हम नज़र आयेंगे

प्यार कहते है, मोहब्बत कहते है, कुछ लोग इससे बंदगी कहते है,
मगर जिन पर हम मर मिटें, उन्हें हम अपनी ज़िन्दगी कहते है

इश्क ऐसे करो, की धड़कन में उतर जायें, साँस भी लो तोह खुसबू उसकी आए,
प्यार का नशा आंखों पर ऐसे छाए, बात कोई भी हो पर नाम उसी का आए

ये हवा आपकी हसी की ख़बर देती है, मेरे दिलको खुशी से भर देती है,
खुदा सलामत रखे आपकी हसी को, क्यूँ की आपकी खुशी हमें खुश कर देती है

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