Saturday, August 2, 2008

मेरे दोस्तों की मेहरबानी

कोई मेरे कब्र से मिटटी चुरा रहा है, मरने के बा भी कोई बहुत याद आ रहा है ,
ए खुदा एक पल के लिए साँस देदे, कोई मेरी कब्र से निराश होके जा रहा है ।

भूलने वाले से कह दे ज़रा, इस तरह याद आने से क्या फायदा,

जब मेरे दिल की दुनिया बस्ती नही तो ख्यालों में आने से क्या फायदा ।

दिल मे मेरे आज कल कोई अजनबी ख़ास है, हर होते हुवे भी मेरे पास है,
दिल से पुचा उसका नाम क्या हाई, दिल कहता है यह एक ख़ूबसूरत राज़ है ।

ना फूल ना बहार, ना चैन ना करार , ना beer baar ना bike ना car
अपनी तो जिंदगी है बस आपकी दोस्ती और आपका प्यार ।

हम तेरे दिल मे रहेंगे एक याद बनकर, तेरे लैब पे खिलेंगे मुस्कान बनकर,
कभी हमें अपने से जुदा ना समझना, हम तेरे साथ चलेनगे आसमान बनकर ।

एक सा दिल सब के पास होता है, फ़िर क्यूँ नही सब पा विश्वास होता है,

इंसान चाहे कितना ही आम क्यूँ ना हो, वो किसी न किसी के लिए ज़रूर ख़ास होता है ।

वो दोस्ती ही क्या जिसको निभाना पड़े, वो प्यार की क्या जिसको जाताना पड़े,
यह तो एक खामोश एहसास है, वोह एहसास ही क्या जिसको लफ्जों में बताना पड़े ।

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