Wednesday, August 13, 2008

बोहत दिनों के बाद

तेरे नाम की थी जो रौशनी, उसे ख़ुद ही तुने बुझा दिया,
ना जला सकी जिसे धुप, उस चांदनी ने जला दिया

हो आप की लाइफ में खुशियों का मेला, कभी ना आए कोई भी झमेला,
सदा खुश रहे आपका बसेरा, हर रोज़ सुहाना रहे आप का सवेरा

तनहाइयों में मुस्कराना इश्क है , एक बात को सब से छुपाना इश्क है,
यूँ तोह नींद नही आती हमें रात भर, मगर सोते सोते जागना और जागते जागते सोना इश्क है

हर लम्हा हम इंतज़ार करते हैं उस लम्हे के लिए,
जिस लम्हा तुम हमें आ कर कहो, एक लम्हा है हमारे पास तुम्हारे लिए

जब खुदा ने तुझे बनाया होगा, एक जाम तो उसने भी लगाया होगा,
ऐसे ही नशीली नही तेरी आँखें, जाम का कुछ असर तो तेरे में भी आया होगा

तुझे अगर मिले कभी फुरसतें, मेरी शाम फिर से संवार दे
अगर कतल करना है तो क़त्ल कर, यूँ जुदाइयों की सज़ा ना दे

न दीदार है ना आवाज़, फिर भी रहते हो आप दिल के पास, रोज़ ना सही एक बार
ही याद कर लेना, आप ही तो हो मेरे इस दुनिया में ख़ास यार

दिल की किताब का पन्ना चुरा ले गया कोई, नींद आंखों से उदा ले गया कोई,
इंतज़ार करने की आदत नही थी, फ़िर भी इंतज़ार करना सिखा गया कोई

रिश्ते होते है, ज़िन्दगी बिताने के लिए, हम अपनी हस्ती मिटा दे इसे निभाने के लिए
मिलना तो इस वक्त किस्मत में नही, लो यह संदेश भेजा हिया अपनी याद दिलाने के लिए

शरारत न होती, शिकायत न होती, नैनो में किसी की नजाकत न होती,
बेकार ना होते हम तनहा, जो इस जहाँ में मोहब्बत न होती

उम्मीद हमेशा अपने दिल में जगाये रखना, उनके आने के इंतज़ार में पलके बिछाये रखना
वो नही तो कोई दूसरा आएगा, बस तुम प्यार के दीप जलाये रखना

रौशनी में दीप जलाये रखने से क्या फायदा ? राख में आग लगाने से क्या फायदा ?
आप को हमारी याद हमेशा आती है ? तो आपको एहसास दिलाने से क्या फायदा ?

शिकवे भी होंगे हमसे, शिकायतें भी होंगी हमसे, पर अपनों से गिला नही करते
अच्छे नहीं तो बुरे ही सही पर हम जैसे दोबारा मिला नही करते

तुम्हारी यादों की महक इन हवाओं में है, प्यार ही प्यार बिखरा इन जुल्फों में है,
ऐसा न हो की दूरियां दर्द बन जाए अब तो आ जाओ की इंतज़ार निगाहों में है



No comments: