Thursday, January 15, 2009

आप के नाम कुछ और पैगाम

दुरिया बोहत है मगर इतना समज लो पास रह कर भी कोई रिश्ता ख़ास नही होता
तुम दिल के इतने पास हो के दुरिओं का एहसास नही होता

यह आंसू भी एक अलग परेशानी है, खुशी और ग़म दोनों की निशानी है
समझ ने वाले के लिए तोह अनमोल है, और ना समझ पाये उनके लिए तो सिर्फ़ पानी है


खुदा ने कहा तू दोस्ती ना कर तू बेगाना हो जाएगा
मैंने खुदा से कहा तू जमीन पर आ मेरे दोस्त से मिल तू भी दीवाना हो जाएगा


लम्हा लम्हा जोड़कर ज़िन्दगी बनाई, ज़िन्दगी में आपकी दोस्ती की महक आई
दोस्ती के नाम कर दीये कुछ लम्हे, आज बस उन्ही कुछ लम्हों की याद आई


सुकून ऐ कुर्ब में उतरो तो याद कर लेना, कभी जो टूट के बिखरो तोह याद कर लेना,
खुशी के वक्त में चाहे हमें भुला देना, ग़मों की राह जो देखो तो याद कर लेना

आंखों से आपके दिल में उतर जायेंगे, पलकें झुका कर चलना,
वरना लोगों को आप की आंखों में सिर्फ़ हम नज़र आएंगे

कहाँ तलाश करें जजीरा ऐ सुकून ऐ नज़र के इस जहाँ में कोई तुझसा दूसरा नही
बसा हुआ है मेरे दिल में वोह खुसबू की तरह, दूर है मुझसे मगर फ़िर भी जुदा नही

माना यह वक्त हमें याद करने वाला नही, पर बेवक्त ही हमें याद कर लिया करो
माना आप के पार सारी दुनिया है, कभी तो हमारी भी कमी का एहसास कर लिया करो


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