Sunday, January 11, 2009

लिए दिल मैं प्यार मैं फ़िर से हो गया तैयार

तनहा ख़ुद को कभी मत होने देना, अपने दिलको कभी मत रोने देना
आप बोहत ख़ास है मेरे लिए इस ख्याल को अपने से कभी जुदा मत होने देना

कोई गिला न कोई शिकवा रहा आपसे, ये आरजू है एक सिलसिला बना रहे आपसे
बस एक उम्मीद है आपसे खफा न होना अगर हम खफा रहे आपसे

किसी को अपने हाल का हिसाब क्या देते, सवाल सारे ग़लत थे जवाब क्या देते
जो एक लफ्ज़ की खुसबू न रख सका महफूज़, हम उसके हाथ में पूरी किताब क्या देते

रोयेंगे ये आँखें मुस्कराने के बाद, आएगी रात दिन ढल जाने के बाद
कभी रूठना नही मुझसे शायद ये ज़िन्दगी ना रहे तेरे रूठ जाने के बाद

रोना भी चाहो तो वो रुने नही देते , वो सख्स तो पलके भी भिगोने नही देते
आते है ख्यालों में क्यूँ यह अक्सर, जो मुझे किसी और का होने नही देते

वो भले मिटा दे दिल से मेरा वजूद,
मगर उनकी जगह आब भी मेरी इन यादों में है

नियत ऐ शोक भर न जाए कहीं, तू भी दिल से उतर ना जाएँ कहीं
आरजू है के तू यहाँ आए, और फ़िर उम्र भर ना जाए कहीं

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