Sunday, September 21, 2008

फ़िर शुरू हुआ सिलसिला

एक आदमी ने कहा के इस ज़िन्दगी से तो मौत अची, एकदम यम दूत आया और बोला मुझे तुम्हारी जान
लेने का हुकुम हुआ है, आदमी बोला लो कार्लो बात, आज कल तो मज़ाक भी नही कर सकते

एक कसक दिल की दिल में रह गई, ज़िन्दगी में उनकी कमी रह गई
इतनी उल्फत के बाद भी वो हमें न मिले, शायद मेरी मोहब्बत में ही कोई कमी रह गई

प्यार के उजालो में ग़म का अँधेरा क्यूँ होता है, जिसको हम चाहते है वोह ही क्यूँ रुलाता है
मेरे खुदा अगर वो मेरा नसीब नही तो ऐसे लोगों से क्यूँ मिलाता है

जिसके दीदार के लिए दिल तरसता है, जिसके इंतज़ार में दिल तड़पता है
क्या इस दिल का कोई करे, जो अपना हो कर भी किसी और के लिए धड़कता है


ए चाँद जब वो तेरी तरफ़ देखें, तोः उन्हें कुछ याद दिलाना फ़िर चुपके से उन के paas जाना

और कहना तुम्हीं कोई याद कर रहा है

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