तेरी दोस्ती ने बोहुत कुछ सिखा दिया, मेरी खामोश दुनिया कोई जैसे हँसा दिया
कर्जदार हूँ में खुदा का, जिस ने मुझे आप जैसे दोस्त से मिला दिया
तू क्या जाने क्युआ है तन्हाई, एक टूटे हुए पत्ते से पूछ क्या है जुदाई,
बेवफाई का इल्जाम ना दे ए दोस्त, इस वक्त से पूछ किस वक्त तेरी याद आई
कभी हँसा देते हो, कभी रुला देते हो कभी बेवक्त नींद से जगा देते हो
पर जब भी दिल से हमें याद करते हो, कसम से दो पल ज़िन्दगी के बढ़ा देते हो
जब खामोश आंखों से बात होती है, ऐसे ही मोहब्बत की शुरुवात होती है
तुम्हारे ही ख्यालों में खोये रहते है, पता नही कब दिन कब रात होती है,
सबको दोस्त बनने की आदत है हमें , अपनी अलग पहचान बनने की आदत है हमें
कितना भी गहरा ज़ख्म दे कोई, उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें
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